
पटना , न्यूज़ मिथिला डेस्क : भारतीय जनता पार्टी के विधायक मिश्री लाल यादव की विधानसभा सदस्यता समाप्त हो गई है. विधानसभा सचिवालय की ओर से इससे संबंधित अधिसूचना जारी हो गई है. मिश्री लाल यादव की सदस्यता 27 मई 2025 के प्रभाव से समाप्त हुई है.
BJP विधायक की सदस्यता समाप्त : बता दें कि, मिश्री लाल यादव अलीनगर विधानसभा से विधायक चुनकर आए थे. दरभंगा एमपी एमएलए विशेष कोर्ट ने उनके खिलाफ जनप्रतिनिधि अधिनियम 1951 की धारा 8 तथा संविधान के अनुच्छेद 191( 3) कि के प्रावधानों के तहत सजा सुनाई थी. 27 मई को ही एडीजे-3 सुमन कुमार दिवाकर ने सजा सुनाई थी. 2 साल और उससे अधिक की सजा होने पर विधायकों की सदस्यता समाप्त हो जाती है.
तीसरे विधायक बने : बिहार में मिश्री लाल यादव 2020 से 2025 के कार्यकाल में तीसरे विधायक हैं, जिनकी कोर्ट द्वारा सजा सुनाए जाने के बाद सदस्यता समाप्त हुई है. मिश्री लाल यादव से पहले अनंत सिंह और माले के मनोज मंजिल की भी सदस्यता समाप्त हुई है. हालांकि दोनों सीट पर चुनाव भी हो चुके हैं.
उप चुनाव होने की संभावना कम : मोकामा से अनंत सिंह की पत्नी नीलम देवी चुनाव जीत चुकी हैं. वहीं माले के मनोज मंजिल की सीट पर भी उपचुनाव हो चुका है. अब मिश्री लाल यादव की सदस्यता समाप्त हुई है और विधानसभा चुनाव में भी बहुत ज्यादा समय नहीं है. ऐसे में उप चुनाव होने की संभावना ना के बराबर है.
कौन हैं मिश्री लाल यादव? : 68 वर्षीय मिश्री लाल यादव पहले मुकेश सहनी की पार्टी वीआईपी में थे और वीआईपी की टिकट पर ही अलीनगर से चुनकर आए थे. बाद में बीजेपी में शामिल हो गये थे. उससे पहले 2003 से 2009 तक विधान परिषद के सदस्य भी रहे थे.
क्या है मामला? : दरअसल, समैला निवासी उमेश मिश्र ने 30 जनवरी 2019 को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. जिसमें उन्होंने घेरकर फरसे से हमले करने की शिकायत की थी. साथ ही लूटपाट का भी आरोप लगाया था. इस मामले में एमपी/एमएलए की अदालत ने पहले मिश्री लाल यादव और गोसाईं टोल पचाढ़ी निवासी सुरेश यादव को दोषी करार देते हुए तीन महीने की सजा सुनाई थी लेकिन वादी की अपील के बाद आज सजा को बढ़ाकर 2 साल कर दिया गया.