बिहार

एचआईवी संक्रमण में दरभंगा रेड जोन में शामिल, जिससे एड्स का खतरा यहां सर्वाधिक- प्रशिक्षक राहुल सिंह

बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना द्वारा दरभंगा जिला स्तरीय पीयर एजुकेटर प्रशिक्षण-2025 आयोजित

प्रशिक्षण में 68 छात्रों को दिए गए प्रमाण पत्र, जबकि क्विज में सफल पांच छात्रों को पांच-पांच पुस्तकों से किया गया सम्मानित

एचआईवी संक्रमण में दरभंगा रेड जोन में शामिल, जिससे एड्स का खतरा यहां सर्वाधिक- प्रशिक्षक राहुल सिंह

सही एवं पूर्ण जानकारी के साथ जागरूकता से ही जानलेवा, लाइलाज एवं खतरनाक रोग एड्स से बचाव संभव- डॉ चौरसिया

न्यूज़ डेस्क. बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना के तत्वावधान में दरभंगा जिला स्तरीय पीयर एजुकेटर प्रशिक्षण- 2025 का आयोजन विश्वविद्यालय संस्कृत विभाग में विभागाध्यक्ष डॉ घनश्याम महतो की अध्यक्षता में किया गया, जिसमें कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के एनएसएस कार्यक्रम समन्वयक डॉ सुधीर कुमार झा- मुख्य अतिथि, बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति, पटना के राहुल सिंह- मुख्य प्रशिक्षक, दरभंगा जिला के नोडल पदाधिकारी सह प्रशिक्षण के संयोजक डॉ आर एन चौरसिया- विषय प्रवेशक, स्नातकोत्तर विभागों के एनएसएस पदाधिकारी डॉ सोनू राम शंकर एवं के एस डी संस्कृत विश्वविद्यालय से कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ त्रिलोकनाथ झा- विशिष्ट वक्ता के रूप में, के एस कॉलेज के कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अमित कुमार सिन्हा- वक्ता और आर बी जालान कॉलेज, दरभंगा के कार्यक्रम पदाधिकारी प्रो शिवनारायण राय ने संचालन कर्ता के रूप में अपने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम का उद्घाटन दीप प्रज्वलन से, जबकि समापन राष्ट्रगान से हुआ। उद्घाटन, प्रशिक्षण, प्रश्नोत्तर, क्विज एवं प्रमाण पत्र व पुरस्कार वितरण सत्र आयोजित किए गए। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं को 8 मिनट की एचआईवी/एड्स एवं रक्तदान जागरूकता संबंधी ‘गलती किसकी’ नामक फिल्म दिखाई गई। प्रशिक्षण में शामिल सभी 68 छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र तथा क्विज प्रतियोगिता में सर्वाधिक अंक लाने वाले डब्ल्यूआईटी की रचना झा, स्नातकोत्तर के समरेश कुमार, विश्वविद्यालय राजनीति विज्ञान के अक्षय कुमार झा तथा मिल्लत कॉलेज, दरभंगा की सुमैया फिरोज तथा साफिया अहजद को उपकार प्रकाशन, आगरा की ‘भारतवर्ष की चर्चित महिलाएं, सामान्य ज्ञान एवं करंट अफेयर्स, इंप्रूव योर पर्सनैलिटी, व्यक्तित्व विकास तथा बिहार जीके पॉइंट्स नमक पांच-पांच पुस्तकें प्रदान कर सम्मानित किया गया।
डॉ सुधीर कुमार झा ने कहा कि इस प्रशिक्षण से युवाओं के माध्यम से एचआईवी एवं एड्स के मूल कारणों तथा उनके प्रति समाज में फैली भ्रांतियों को दूर किया जा सकेगा। एचआईवी ग्रसित व्यक्ति अछूत नहीं, बल्कि समुचित देखरेख एवं इलाज से सामान्य जीवन जी सकते हैं। डॉ सोनू रामशंकर ने कहा कि एड्स रोग नहीं, बल्कि रोगों का लक्षण समूह है जो शरीर की आंतरिक क्षमता को नष्ट करता है। वहीं डॉ लोकनाथ झा ने कहा कि स्वस्थ शरीर ही पुरुषार्थ चतुष्ट्य का मूल आधार है। जागरूकता एवं जानकारी से ही समाज को एड्स से मुक्ति मिल सकती है।

विश्वविद्यालय के एनएसएस समन्वयक डॉ आर एन चौरसिया ने कहा कि सही एवं पूर्ण जानकारी के साथ जागरूकता से ही जानलेवा, लाइलाज एवं खतरनाक रोग एड्स से बचाव संभव है। इसकी सर्वाधिक मार हमारे युवाओं पर पड़ती है। एड्स की जानकारी ही इससे बचाव का सबसे बड़ा मंत्र है। उन्होंने बताया कि एड्स में शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता नष्ट हो जाती है, जिससे व्यक्ति अनेक तरह के संक्रमणों और रोगों की चपेट में आ जाता है और अंततः उसकी मौत हो जाती है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त किया कि समाज में एड्स जागरूकता के कारण गत एक दशक में एड्स रोगियों की संख्या में 50% की कमी आयी है।
प्रशिक्षक राहुल कुमार सिंह ने प्रशिक्षण में निर्धारित 50 की जगह 68 छात्र- छात्राओं की उपस्थिति पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि लंबे समय तक बिना इलाज के रहने पर एचआईवी संक्रमित व्यक्ति एड्स ग्रसित हो जाता है और वह पल-पल मरता रहता है। उन्होंने बताया कि दरभंगा एचआईवी संक्रमण के रेड जोन में शामिल है, जिससे यहां एड्स का खतरा सर्वाधिक है। एड्स रोगी को जीवन भर दवा खाने तथा परहेज से रहने की जरूरत है। कोई भी व्यक्ति आईसीटीसी विभाग में एचआईवी की जांच निःशुल्क कर सकते हैं। एड्स पीड़ितों को बिहार सरकार प्रति माह ₹1500 देती है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे रक्तदान के लिए आगे आए, ताकि उन्हें एड्स, हेपेटाइटिस बी एवं सी, मलेरिया, सिफलिस नमक पांच रोगों की निःशुल्क जांच हो सके।
डॉ घनश्याम महतो ने कहा कि आज से 20 साल पहले समाज में एड्स का भयंकर रूप था, पर जागरूकता के कारण इसमें तेजी से कमी आ रही है। संतुलित एवं पोषक आहार, डॉक्टर की निगरानी, व्यायाम, खेलकूद तथा योग- प्राणायाम आदि को अपनाकर एड्स को दबाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि साथ रहने या उठने- बैठने, आपसी मेलजोल, छूने, मच्छर काटने, साथ खाने, एक- दूसरे के कपड़े पहने, एक शौचालय या स्विमिंग पूल के प्रयोग से एड्स नहीं फैलता है। कार्यक्रम का संचालन आरबी जालान कॉलेज, दरभंगा के एनएसएस पदाधिकारी प्रो शिव नारायण राय ने, जबकि धन्यवाद ज्ञापन वरीय स्वयंसेवक अक्षय कुमार झा ने किया।

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