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समान कार्य का समान वेतन सहित 16 सूत्री मांगों को लेकर ग्रामीण आवास कर्मियों का अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू

सेवा नियमावली बनाने की उठी मांग, जिलाध्यक्ष राहुल पासवान की अगुवाई में जोरदार प्रदर्शन

दरभंगा (न्यूज़ मिथिला)।
राज्य ग्रामीण आवास कर्मी संघ के आह्वान पर जिले के सभी ग्रामीण आवास सहायक, पर्यवेक्षक एवं लेखापाल अपनी 16 सूत्री मांगों को लेकर शनिवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। इस क्रम में जिला मुख्यालय स्थित पोलो मैदान में सैकड़ों आवास कर्मियों ने धरना-प्रदर्शन कर सरकार से समान कार्य का समान वेतन, सेवा स्थायित्व और अन्य मांगों को अविलंब मानने की अपील की।

धरना की अध्यक्षता कर रहे सगासा संघर्ष समन्वय समिति के जिलाध्यक्ष राहुल पासवान ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि ग्रामीण आवास सहायक, पर्यवेक्षक और लेखापाल वर्षों से महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे हैं, लेकिन अब तक इन्हें न तो सरकारी सेवक का दर्जा मिला है और न ही वेतनमान का समुचित निर्धारण किया गया है।

उन्होंने सरकार से मांग करते हुए कहा कि आवास सहायकों का वेतन 2800 ग्रेड-पे, लेखापाल का 4200 ग्रेड-पे और पर्यवेक्षकों का 4600 ग्रेड-पे निर्धारित किया जाए। साथ ही, नियुक्ति तिथि से सेवा को स्थायी करते हुए सभी सरकारी लाभ प्रदान किए जाएं।

राहुल पासवान ने यह भी कहा कि विशेष परिस्थिति में कार्यालय अवधि के बाद कार्य पर रोके जाने की स्थिति में सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देशानुसार अल्पाहार व नाश्ते की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। कर्मियों को पदोन्नति का अधिकार देते हुए प्रतियोगिता परीक्षा में समान अवसर दिया जाए और प्रत्येक वर्ष सीमित प्रतियोगिता परीक्षा आयोजित की जाए।

सभा में वक्ताओं ने सरकार से यह भी मांग की कि ग्रामीण आवास कर्मियों की सेवा नियमावली जल्द से जल्द तैयार की जाए, जिससे उनकी भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। साथ ही प्रखंड व जिला स्तर पर स्थानांतरण की व्यवस्था को विकल्प आधारित बनाया जाए।

इस मौके पर जिला सचिव ब्रजमोहन कुमार चौपाल, जिला कोषाध्यक्ष मनीष कुमार, जिला महामंत्री मनोज पासवान, सदस्य आलोक रंजन, राम मोहन सिंह, राकेश कुमार चौधरी, मणि भूषण, बहादुर महतो, मो. तमन्ना, अभिनव मुस्कान, श्वेता परवीन, रानी मंडल, राजीव रंजन, बच्चा बाबू लाल देव समेत बड़ी संख्या में आवास कर्मी मौजूद रहे।

कर्मियों ने सरकार को चेतावनी दी कि जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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