
दरभंगा में अधिवक्ता को भेजा गया जेल:कोर्ट को गुमराह करने का लगा आरोप, अन्य आरोपियों को हाजिर होने का आदेश
दरभंगा व्यवहार न्यायालय के एडीजे-3 की अदालत में एक पुराने हत्या मामले में नया मोड़ आया है। कोर्ट को गुमराह करने के आरोप में चर्चित अधिवक्ता अंबर इमाम हाशमी को जेल भेज दिया गया है। अम्बर इमाम हाशमी के साथ उनके सहयोगी वकील सुशील कुमार चौधरी को भी गिरफ्तार किया गया था। हालांकि अधिवक्ता सुशील चौधरी को लहेरियासराय थाना से ही छोड़ दिया गया है।
बताते चलें कि मामला 8 अगस्त 1994 का है। पटोरी और बसंत गांव की सीमा पर स्थित कब्रगाह, श्मशान और निजी जमीन को लेकर विवाद हुआ था। बसंत निवासी अंबर इमाम हाशमी, कौशर इमाम हाशमी, मुखिया आरिफ हाशमी और अन्य लोगों पर पटोरी के निहत्थे लोगों पर गोलीबारी का आरोप है। इस घटना में राम कृपाल चौधरी की मौत हो गई थी। रविन्द्र चौधरी समेत आठ लोग घायल हुए थे।
शुक्रवार को अदालत में सुनवाई के दौरान वकील हाशमी ने पहले फॉर्म 317 भरकर व्यस्तता बताई। लेकिन एक घंटे बाद वह दूसरे केस की पैरवी के लिए कोर्ट पहुंच गए। जज के पूछने पर उन्होंने अस्पष्ट जवाब दिया। इस पर जज ने उन्हें डिटेन कर लिया।पीड़ित परिवार का कहना है कि वकील बंधुओं ने वर्षों तक केस को खुलने नहीं दिया। गवाही को भी लंबा खींचा गया। वर्तमान में झारखंड के शिक्षक बैजनाथ चौधरी और राम अनेग चौधरी ने आरोपियों के खिलाफ गवाही दी है। अदालत ने अब सभी आरोपियों को अगले 24 घंटे के भीतर हाजिर होने का आदेश दिया है।