कांग्रेस की गलत नीयत का परिणाम आपातकाल : डॉ धर्मशीला गुप्ता

कांग्रेस की गलत नीयत का परिणाम आपातकाल : डॉ धर्मशीला गुप्ता
न्यूज़ मिथिला डेस्क.
आपातकाल: भारतीय लोकतंत्र पर एक काला धब्बा : डॉ. धर्मशीला गुप्ता, राज्यसभा सांसद एवं प्रदेश उपाध्यक्ष, बिहार भाजपा
25 जून 1975 का दिन भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में दर्ज है। इसी दिन कांग्रेस सरकार द्वारा देश पर आपातकाल थोप दिया गया — एक ऐसा समय जब लोकतांत्रिक मूल्यों, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और नागरिक अधिकारों को निर्ममता से कुचला गया।
डॉ. धर्मशीला गुप्ता ने कहा कि “आपातकाल कांग्रेस की तानाशाही प्रवृत्ति और लोकतंत्र के प्रति उसकी असहिष्णुता का प्रतीक है। मीडिया पर सेंसरशिप, विपक्षी नेताओं की गिरफ्तारी और जनता की आवाज़ को दबाने की नीयत से यह कृत्य किया गया था।”
आपातकाल लागू होने के बाद स्वयंसेवक संघ ने नागरिकों की स्वतंत्रता, मूल अधिकारों के हनन और स्वयं पर लगाए गए प्रतिबंधों के विरुद्ध देशभर में शांतिपूर्वक आंदोलन किए। संघ के स्वयंसेवकों ने भूमिगत रहकर लोकतंत्र की पुनर्स्थापना के लिए संगठित और साहसिक प्रयास किए, जो आज भी प्रेरणास्पद हैं।
26 जून 1975 को आपातकाल के विरुद्ध आवाज उठाने वाले अनेक विपक्षी नेताओं — जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी भी शामिल थे — को रातोंरात गिरफ्तार कर लिया गया। इस दौरान गिरफ्तार व्यक्तियों को अदालत में पेश करने, कानूनी सहायता पाने और जमानत मांगने जैसे बुनियादी अधिकारों से भी वंचित कर दिया गया।
डॉ. गुप्ता ने आगे कहा, “आज जब हम आपातकाल की 50वीं बरसी पर खड़े हैं, तो हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि लोकतंत्र को कभी कमजोर नहीं होने देंगे। भाजपा ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ लोकतांत्रिक संस्थाओं और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा के लिए निरंतर संकल्पित है।”
यह दिन उन लाखों देशभक्तों के त्याग और संघर्ष को स्मरण करने का है, जिन्होंने आपातकाल जैसी तानाशाही व्यवस्था का विरोध करते हुए लोकतंत्र को जीवित रखा।



