
न्यूज़ मिथिला डेस्क/ निशान्त झा :
पटना, 30 जून।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार सरकार ने एक बार फिर राजधानी पटना को आधारभूत संरचना के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां दिलाई हैं। बीते जून माह में राजधानी को तीन अहम परियोजनाओं की सौगात मिली है—राघोपुर को गंगा पर पुल के ज़रिए राजधानी से जोड़ने वाली परियोजना, मीठापुर-महुली फोरलेन सड़क का उद्घाटन, और राज्य का पहला डबल डेकर फ्लाईओवर। इन परियोजनाओं से न केवल पटना में यातायात की सुविधा में व्यापक सुधार होगा, बल्कि राज्य के सामाजिक और आर्थिक विकास को भी नई गति मिलेगी।
राघोपुर को मिला राजधानी से स्थायी संपर्क
23 जून को एक ऐतिहासिक उपलब्धि के रूप में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कच्ची दरगाह-बिदुपुर छह लेन परियोजना के अंतर्गत राघोपुर को एनएच-31 से जोड़ने वाले पुल का लोकार्पण किया। यह पुल वर्षों से नावों के सहारे राजधानी से जुड़ाव रखने वाले राघोपुर क्षेत्र के लिए वरदान सिद्ध हो रहा है। अब मानसून में संपर्क टूटने, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवा में बाधा और शिक्षा या रोजगार से वंचित रहने की स्थिति में सुधार आएगा। यह पुल दियारा क्षेत्र को मुख्यधारा से जोड़कर समावेशी विकास को मजबूती देगा।
मीठापुर-महुली फोरलेन से दक्षिण पटना को राहत
राजधानी के दक्षिणी हिस्से में आवागमन को सुगम बनाने और पुराने बाइपास पर ट्रैफिक लोड को कम करने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री ने मीठापुर-महुली-पुनपुन फोरलेन का उद्घाटन किया। लगभग 1400 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह सड़क भूपतिपुर से पुनपुन (एनएच-22) तक फैली है। एलिवेटेड और एट-ग्रेड मिश्रित संरचना वाली यह फोरलेन पटना के लाखों निवासियों को सुगम यातायात का विकल्प उपलब्ध कराएगी। साथ ही यह क्षेत्र के शहरीकरण, औद्योगीकरण और निवेश की संभावनाओं को भी बल प्रदान करेगी।
पटना को मिला पहला डबल डेकर फ्लाईओवर
11 जून को बिहार के पहले डबल डेकर फ्लाईओवर का लोकार्पण कर राजधानी को एक और बड़ी सौगात मिली। अशोक राजपथ पर 422 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह फ्लाईओवर साइंस कॉलेज से शुरू होकर पीएमसीएच होते हुए कारगिल चौक तक विस्तृत है। इस फ्लाईओवर के बन जाने से पटना विश्वविद्यालय, सिविल कोर्ट, पीरबहोर, बीएन कॉलेज, मखनियां कुआं और महेंद्रू जैसे घनी आबादी वाले क्षेत्रों में ट्रैफिक की समस्या में काफी कमी आई है। छात्र, मरीज और व्यापारी वर्ग इसके लाभार्थी बन रहे हैं।
विकास अब योजना से जमीन तक
इन तीनों परियोजनाओं के सफल लोकार्पण से यह संदेश स्पष्ट होता है कि बिहार सरकार अब सिर्फ योजनाओं की घोषणा तक सीमित नहीं है, बल्कि उन्हें निर्धारित समयसीमा के भीतर धरातल पर उतारने के लिए प्रतिबद्ध है। पटना को मिली ये सौगातें राज्य की विकास यात्रा में मील का पत्थर साबित होंगी।




