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योग केवल व्यायाम नही बल्कि आत्मा और शरीर के बीच संतुलन का विज्ञान – डा गोपाल जी ठाकुर

योग केवल व्यायाम नही बल्कि आत्मा और शरीर के बीच संतुलन का विज्ञान – डा गोपाल जी ठाकुर 
योग आत्मिक शांति अनुशासन तथा सकारात्मक ऊर्जा का पर्याय – डा गोपाल जी ठाकुर
योग भारतीय अध्यात्म तथा सनातन परंपरा की अनमोल विरासत – डा गोपाल जी ठाकुर
दरभंगा, न्यूज़ मिथिला: योग एक विज्ञान सम्मत जीवन शैली है जो तनाव जनित रोगों के नियंत्रण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। योग का उद्देश्य केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्राप्त करना नहीं है बल्कि मन शरीर और आत्मा को एक साथ लाकर जीवन के सभी पहलुओं में पूर्ण स्वास्थ्य और कल्याण प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण मार्ग है।
दरभंगा के सांसद सह लोकसभा में भाजपा सचेतक डा गोपाल जी ठाकुर ने 11 वें योग दिवस के अवसर पर मुंबई के मीरा भयंदर मार्ग स्थित गार्डन में पार्टी के सहयोगियों के साथ योगाभ्यास करने के बाद उपरोक्त विचार व्यक्त किए।
एक भारत श्रेष्ठ भारत अभियान के क्रम में एक सप्ताह से मुंबई प्रवास पर रह रहे इस अभियान के महाराष्ट्र प्रभारी सांसद डा ठाकुर ने योग की महत्ता पर चर्चा करते हुए कहा कि यह नियमित योगाभ्यास से गैर संचारी रोगों जैसे मधुमेह, हृदय रोग उच्च रक्तचाप अस्थमा हृदय रोग जैसी असाध्य रोगों पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
सांसद डा ठाकुर ने योग को भारतीय ऋषि परंपरा का अमूल्य देन बताते हुए कहा कि योग भारतवर्ष की सबसे प्राचीन संस्कृति और जीवन पद्धति है तथा इसी विद्या के बल पर भारतवासी प्राचीन काल में सुखी समृद्धि तथा शांतिपूर्ण व स्वस्थ जीवन व्यतीत करते थे।
सांसद डा ठाकुर ने योग क्रिया को पूर्ण विज्ञान बताते हुए कहा कि योग शरीर के रसायनों को नियंत्रित करता है तथा शारीरिक मानसिक आध्यात्मिक तथा भावनात्मक रूप से प्रतिरक्षा तंत्र को बढ़ावा देकर चिंता अवसाद तथा तनाव हारमोन को कम करके नकारात्मक विचारों से मुक्त दिलाकर व्यक्ति को वर्तमान क्षण में वापस लाता है।
सांसद डा ठाकुर ने इस मौके पर उपस्थित सभी भाजपा नेताओं तथा स्थानीय बुद्धिजीवियों से अपने जीवन पद्धति में योग को नियमित रूप से अपनाने का आह्वान किया।

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