
लनामिविवि को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिलाने की पहल तेज, डॉ धर्मशीला गुप्ता ने मंत्री को सौंपा ज्ञापन
महिला प्रौद्योगिकी संस्थान के सर्वांगीण विकास पर भी दिया जोर
डॉ. धर्मशीला गुप्ता ने मिथिला की दो महत्वपूर्ण शिक्षा संबंधी माँगों को लेकर केंद्रीय शिक्षा मंत्री को सौंपा ज्ञापन
दरभंगा, 23 जुलाई : मिथिला क्षेत्र की वर्षों पुरानी माँग को लेकर अब प्रयास तेज हो गए हैं। राज्यसभा सांसद डॉ. धर्मशीला गुप्ता ने बुधवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान से दिल्ली में भेंट की और दो महत्वपूर्ण विषयों पर ज्ञापन सौंपा।
पहली माँग ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (लनामिविवि), दरभंगा को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने को लेकर थी। उन्होंने मंत्री को बताया कि 1972 में स्थापित यह विश्वविद्यालय मिथिला की बौद्धिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का प्रतीक है। याज्ञवल्क्य, गार्गी, राजा जनक और विद्यापति की परंपरा को आगे बढ़ाने वाला यह विश्वविद्यालय आज भी वैदिक विद्या और दर्शन की मिट्टी से जुड़ा हुआ है, लेकिन उसे अब तक वह राष्ट्रीय दर्जा नहीं मिला जिसकी वह हकदार है।
डॉ. गुप्ता ने कहा कि लनामिविवि के पास पर्याप्त भूमि, भवन, पुस्तकालय, छात्रावास और प्रशासनिक ढांचा मौजूद है। यदि इसे केंद्रीय दर्जा दिया जाता है तो यह संस्थान राष्ट्रीय स्तर पर और बेहतर तरीके से विकसित हो सकता है। उन्होंने कहा कि जैसे गयाजी में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना हुई, वैसे ही मिथिला को भी यह अवसर मिलना चाहिए, ताकि छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए बाहर न जाना पड़े और क्षेत्र का समग्र विकास हो।
दूसरी माँग महिला शिक्षा को लेकर थी। सांसद ने डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम महिला प्रौद्योगिकी संस्थान (WIT), दरभंगा के सर्वांगीण विकास हेतु भी मंत्री से सहयोग माँगा। उन्होंने बताया कि यह संस्थान राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों 2004 में उद्घाटित हुआ था, लेकिन आज भी अधोसंरचना के अभाव में जूझ रहा है।
सांसद ने ज्ञापन में उल्लेख किया कि संस्थान को विश्वविद्यालय से 25 एकड़ भूमि आवंटित की गई है, परंतु वर्तमान में सिर्फ 8 एकड़ पर ही संस्थान का कब्ज़ा है। शेष भूमि पर होम गार्ड और नगर निगम का अतिक्रमण है, जिसे हटाया जाना आवश्यक है।
उन्होंने मांग की कि संस्थान में एक 200 बेड का छात्रावास, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, सभागार, इनडोर स्टेडियम, कैंटीन, चारदिवारी आदि का निर्माण कराया जाए। साथ ही, संस्थान की सहभागिता दरभंगा में बन रहे आईटी पार्क में सुनिश्चित की जाए, ताकि छात्राओं को तकनीकी अवसर मिल सकें।
स्थानीय छात्राओं के लिए बस सेवा और संस्थान को सौर ऊर्जा से सुसज्जित करने की भी मांग की गई।
डॉ. गुप्ता ने विश्वास जताया कि शिक्षा मंत्रालय मिथिला क्षेत्र की इन दोनों ऐतिहासिक एवं महिला सशक्तिकरण से जुड़ी मांगों पर शीघ्र सकारात्मक निर्णय लेगा।




