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चुनाव आयोग को सुप्रीम कोर्ट से राहत, SIR प्रक्रिया पर रोक से इनकार

आधार, वोटर ID और राशन कार्ड को पहचान के रूप में मान्य करने का सुझाव

पटना/नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) के मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को बड़ा फैसला सुनाया। कोर्ट ने इस पर अभी रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही कहा कि याचिकाओं में उठाया गया मुद्दा गंभीर है और लोकतंत्र के मूल अधिकार यानी मतदान से जुड़ा हुआ है। मामले में विस्तृत सुनवाई की आवश्यकता है।

कोर्ट ने चुनाव आयोग को सुझाव दिया है कि पहचान के रूप में आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और राशन कार्ड को मान्यता दी जाए।

याचिकाकर्ताओं ने 24 जून को चुनाव आयोग द्वारा जारी आदेश को संविधान और कानून के खिलाफ बताया है। उनका कहना है कि विधानसभा चुनाव नवंबर में संभावित हैं, और उससे पहले मतदाता सूची में गड़बड़ी की आशंका है।

वहीं, चुनाव आयोग के वकील ने कोर्ट को बताया कि इससे पहले 2003 में भी इंटेंसिव रिवीजन की प्रक्रिया अपनाई गई थी, और अभी भी यह पूरी पारदर्शिता के साथ चल रही है।

कोर्ट ने कहा कि वह मामले की अगली सुनवाई में सभी पहलुओं पर विचार करेगा, लेकिन फिलहाल SIR पर कोई रोक नहीं लगेगी।

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