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भारतीय रेलवे को आधुनिक तकनीकों से किया जा रहा मजबूत : डॉ. गोपाल जी ठाकुर

भारतीय रेलवे को आधुनिक तकनीकों से किया जा रहा मजबूत : डॉ. गोपाल जी ठाकुर
रेल विकास निगम के माध्यम से रेलवे में आएगा तकनीकी विकास
कटरा में रेलवे स्टैंडिंग कमेटी की बैठक, सांसद ठाकुर ने उठाए दरभंगा-मिथिला के मुद्दे

कटरा (जम्मू) : भारतीय रेलवे को विश्व की नवीनतम तकनीकों से जोड़कर उसे अधिक सक्षम, सुरक्षित और सर्वग्राही बनाने की दिशा में ठोस पहल की जा रही है। यह बातें दरभंगा के सांसद सह रेलवे स्टैंडिंग कमेटी के सदस्य डॉ. गोपाल जी ठाकुर ने कटरा में आयोजित चार दिवसीय रेलवे स्टैंडिंग कमेटी की बैठक के दौरान कही।

कमेटी की बैठक चेयरमैन सीएम रमेश कुमार की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी, जिसमें देश के विभिन्न हिस्सों से आए रेलवे बोर्ड, रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL), रेलवे आधारभूत संरचना और एनएचएआई से जुड़े करीब दो दर्जन शीर्ष अधिकारियों ने भाग लिया।

सांसद डॉ. ठाकुर ने बताया कि बैठक में रेलवे सुरंग, अंडरपास, ओवरब्रिज, जलमग्न क्षेत्रों में पटरियों को सुरंगों के जरिए जोड़ने, उच्च तकनीकों वाले लंबी दूरी के पुलों सहित कई अत्याधुनिक संरचनात्मक तकनीकों पर चर्चा हुई। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि रेलवे को देश के प्रत्येक कोने तथा दुरूह क्षेत्रों तक पहुंचाने के लिए विश्वस्तरीय तकनीकों को अपनाया जाए।

मिथिला क्षेत्र की उठाई आवाज
सांसद ठाकुर ने रेल विकास निगम के मुख्य महाप्रबंधक के साथ दरभंगा एवं मिथिला क्षेत्र में रेलवे संबंधी रोजगारपरक संभावनाओं पर गहन चर्चा की। उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में रेलवे की हजारों एकड़ जमीन बेकार पड़ी है, जिसका उपयोग रेलवे की आधारभूत संरचना एवं उद्योगों के विकास में किया जा सकता है।

नई तकनीकों के लिए संभावनाएं तलाशने का सुझाव
उन्होंने अधिकारियों से आग्रह किया कि वे मिथिला क्षेत्र में नई तकनीकों को लागू करने की संभावनाएं तलाशें। सांसद ने एनएचएआई के निदेशक से भी आग्रह किया कि राष्ट्रीय राजमार्गों से गुजरने वाली रेल लाइनों के ऊपर ओवरब्रिज निर्माण की दिशा में ठोस प्रस्ताव तैयार करें, ताकि यातायात बाधित न हो और सुरक्षा बनी रहे।

प्राथमिकता में यात्री सुविधाएं और रोजगार सृजन
सांसद ठाकुर ने बताया कि बैठक के पहले दिन मुख्य रूप से तीन मुद्दों पर फोकस रहा—यात्री सुविधाओं को बेहतर बनाना, रेलवे की आधारभूत संरचना को आधुनिक तकनीकों से जोड़ना और खाली पड़ी रेलवे जमीन पर रोजगार सृजन के लिए रेल विकास निगम के माध्यम से योजनाओं की शुरुआत करना।

उन्होंने भरोसा जताया कि इस बैठक के माध्यम से जो निर्णय लिए गए हैं, वे भविष्य में भारतीय रेलवे को विश्वस्तरीय बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होंगे।

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