
बारिश में इलाज के लिए भटकती रही बुज़ुर्ग माँ, वीडियो बनाते रहे डॉक्टर
समस्तीपुर सदर अस्पताल की अमानवीय लापरवाही उजागर
बिहार की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में
समस्तीपुर, 1 जुलाई।
राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था की हकीकत एक बार फिर बेनकाब हो गई जब समस्तीपुर सदर अस्पताल से एक शर्मनाक घटना सामने आई। सोमवार को अस्पताल परिसर में एक बुज़ुर्ग महिला अपनी बेहोश बेटी को स्टेचर पर लेकर इलाज के लिए घंटों इधर-उधर भटकती रही, लेकिन किसी डॉक्टर, नर्स या वार्डबॉय ने उसकी कोई मदद नहीं की। इस दौरान बारिश में भीगती हुई युवती खुले में पड़ी रही, और डॉक्टर मूकदर्शक बने रहे।
चश्मदीदों के अनुसार, यह सब इमरजेंसी वार्ड के सामने हो रहा था, जहां तैनात एक डॉक्टर इलाज करने के बजाय मोबाइल से वीडियो बनाता नजर आया। इस अमानवीय व्यवहार ने न केवल अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर किया, बल्कि सरकारी दावों की भी पोल खोल दी।
पीड़िता की माँ ने बताया कि उनकी बेटी अंजनी कुमारी, मथुरापुर थाना क्षेत्र के सारी गांव की निवासी है, जो बातचीत करते हुए अचानक बेहोश हो गई। “मैं अकेले ही उसे लेकर अस्पताल भागी, लेकिन यहाँ कोई सुनवाई नहीं हुई। दो घंटे से ज्यादा हो गया, हम बारिश में भीगते हुए कभी इमरजेंसी, कभी महिला वार्ड जा रहे हैं, लेकिन कोई भर्ती तक नहीं कर रहा,” रोते हुए उन्होंने कहा।
इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद आमजन और सामाजिक संगठनों में आक्रोश फैल गया। लोगों ने इसे “मानवता के नाम पर कलंक” बताते हुए अस्पताल प्रशासन पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।
अब तक ना तो अस्पताल प्रशासन की ओर से कोई प्रतिक्रिया आई है, और ना ही वीडियो बनाने वाले डॉक्टर के खिलाफ कोई बयान दिया गया है।
गौरतलब है कि समस्तीपुर सदर अस्पताल पहले भी इलाज में लापरवाही, डॉक्टरों की अनुपस्थिति और रिश्वतखोरी जैसे आरोपों को लेकर सुर्खियों में रहा है। लेकिन इस बार मामला और गंभीर इसलिए हो गया क्योंकि इसमें न केवल लापरवाही हुई, बल्कि एक जान जोखिम में डाल दी गई, और संवेदनहीनता की पराकाष्ठा दिखी।
अब देखना यह है कि स्वास्थ्य विभाग, जिला प्रशासन और अस्पताल प्रबंधन इस घटना पर कोई ठोस कदम उठाते हैं या फिर यह मामला भी “जांच की जा रही है” जैसे रटे-रटाए बयान तक ही सीमित रह जाएगा।
— संवाददाता, समस्तीपुर/न्यूज़ मिथिला

