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कामरेड रमेश झा का निधन, चिराग पासवान सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

मिथिलांचल के वरिष्ठ नेता कामरेड रमेश झा का निधन, लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान सहित कई नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

बाबुबरही, मधुबनी। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता और स्वतंत्रता सेनानी कामरेड रमेश झा का 91 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनके निधन से पूरे मिथिलांचल में शोक की लहर फैल गई है। वे मधुबनी जिले की बाबूबरही विधानसभा के घोंघौर गांव के निवासी थे।

रमेश झा लंबे समय तक पूर्व केंद्रीय मंत्री चतुराननंद मिश्रा और मधुबनी से कई बार सांसद रहे भोगेंद्र झा के साथ जुड़े रहे। उन्होंने न केवल गरीबों और मजदूरों की आवाज को मजबूती से उठाया, बल्कि कम्युनिस्ट पार्टी के विचारों को पूरे मिथिला क्षेत्र में विस्तार देने का भी महत्वपूर्ण कार्य किया। केंद्रीय मंत्री व लोकजनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष श्री चिराग पासवान ने उनके निधन पर श्रद्धांजलि अर्पित किया है।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष युवा लोजपा (रामविलास) सह पार्टी प्रवक्ता डॉ विभय कुमार झा ने कहा कि लोजपा अध्यक्ष ने उनके निधन पर शोक संवदेना प्रकट किया है। मुझे जैसे ही स्वतंत्रता सेनानी श्री रमेश झा जी के निधन की सूचना मिली, मैं यहां आया हूं। परिजनों से मिला हूं और अपने पार्टी अध्यक्ष की ओर से संवेदना प्रकट किया। डॉ विभय कुमार झा ने कहा कि कामरेड रमेश झा न केवल एक राजनीतिक नेता थे, बल्कि एक विचारधारा, एक संघर्ष और एक प्रेरणा थे। डॉ झा ने कहा कि उनका जीवन आने वाली पीढ़ियों के लिए समाज सेवा और राष्ट्रभक्ति का आदर्श रहेगा। मिथिलांचल ने आज एक ईमानदार, समर्पित और संघर्षशील नेता को खो दिया है।

कामरेड रमेश झा ने भारत की आजादी की लड़ाई में भी सक्रिय भागीदारी निभाई थी। उन्होंने कम उम्र में ही अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन में शामिल होकर देशभक्ति का परिचय दिया। उनके भतीजे जयवीर झा और चंद्रकांत झा ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के कारण रमेश झा की पढ़ाई अधूरी रह गई, लेकिन देश के प्रति उनका समर्पण कभी नहीं रुका। वे समाजवाद, समानता और जनहित की राजनीति के प्रबल समर्थक थे। उनका जीवन सादगी और संघर्ष की मिसाल रहा है। 1970 के दशक मे CPI बाबुबरही अंचल मंत्री थे I

रमेश झा अपने पीछे दो पुत्र और दो पुत्रियों के साथ एक भरा-पूरा परिवार छोड़ गए हैं। उनके निधन पर स्थानीय राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों ने शोक व्यक्त किया है। मिथिलांचल सहित बिहार के लोगों और नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। कम्युनिस्ट नेताओं ने कहा कि रमेश झा जैसे नेताओं की कमी पूरी नहीं की जा सकती।

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