दरभंगाबिहारराज्य

LNMU की वेबसाइट ने खोली बहाली की परतें, रिक्तियों से अधिक नियुक्ति का मामला गरमाया

दरभंगा / न्यूज़ मिथिला डेस्क :

ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा में अतिथि शिक्षकों की बहाली को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। विश्वविद्यालय ने समाजशास्त्र, गृह विज्ञान और अंग्रेजी जैसे विषयों में निर्धारित रिक्तियों से अधिक संख्या में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति कर दी है, जो कहीं से भी न्यायसंगत नहीं प्रतीत होती।

विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर अपलोड विषयवार रेशनलाइज्ड एवं कार्यरत शिक्षकों की सूची के अनुसार, समाजशास्त्र विषय में कुल रिक्तियां 25 हैं, लेकिन 27 अतिथि शिक्षक नियुक्त कर लिए गए हैं। गृह विज्ञान में रिक्तियां 9 हैं, पर 10 अतिथि शिक्षक बहाल किए गए हैं। अंग्रेजी विषय में 36 रिक्तियों के विरुद्ध 37 अतिथि शिक्षक नियुक्त कर दिए गए हैं। हैरानी की बात यह है कि कई अन्य विषयों में रिक्तियां होते हुए भी अभी तक बहाली नहीं हो सकी है।

समाजशास्त्र में स्वीकृत पद 60 और रेशनलाइज्ड पद 61 हैं। यहां 9 नियमित शिक्षक कार्यरत हैं और 27 अतिथि शिक्षक बहाल किए गए हैं। इस तरह कुल 36 शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि रेशनलाइज्ड पद के अनुसार 25 पद रिक्त हैं।

गृह विज्ञान में स्वीकृत पद 21 और रेशनलाइज्ड पद 32 हैं। 8 नियमित शिक्षक कार्यरत हैं और 15 अतिथि शिक्षक बहाल किए गए हैं, जिससे कुल संख्या 23 हो जाती है। यहां भी रिक्तियां 9 ही हैं, लेकिन 10 अतिथि शिक्षक नियुक्त कर दिए गए हैं।

इंग्लिश विभाग में स्वीकृत पद 174 और रेशनलाइज्ड पद 102 हैं। 29 नियमित शिक्षकों के साथ 37 अतिथि शिक्षक बहाल किए गए हैं। कुल 66 शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि 36 पद रिक्त बताए गए हैं। ऐसे में 37वीं बहाली पर सवाल उठना स्वाभाविक है।

विश्वविद्यालय से जुड़े सूत्रों का यह भी कहना है कि कुछ अतिथि शिक्षक गोपनीय कार्यों में भी संलग्न हैं, जबकि नियम के अनुसार, विभागीय गोपनीय कार्यों में अतिथि शिक्षकों की भागीदारी नहीं होनी चाहिए।

इस पूरे मामले पर विश्वविद्यालय के जनसंपर्क पदाधिकारी बिंदु चौहान का कहना है, “अगर कोई शिक्षक छुट्टी पर चला जाए तो ऐसी स्थिति के लिए अतिरिक्त अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था की जाती है।”

हालांकि यह तर्क भी कई सवालों को जन्म देता है। अगर यही कारण है तो फिर उन विभागों में, जहां अतिथि शिक्षकों की संख्या पहले से ही कम है, वहाँ नियमित शिक्षक जब छुट्टी पर जाते होंगे तो क्या वहाँ पढ़ाई प्रभावित नहीं होती? क्या वहाँ अतिथि शिक्षक छुट्टी नहीं करते होंगे? यदि विवि की यही नीति है तो फिर यह चयन का असंतुलन क्यों?

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!