सवर्ण आयोग द्वारा बैठक के आमंत्रण को सदस्यता समझ बैठे लोग, सोशल मीडिया पर हास्य के पात्र बन रहे हैं

दरभंगा, निशान्त झा (न्यूज़ मिथिला) : दरभंगा जिले में “सवर्ण आयोग, बिहार” की ओर से प्रमंडलीय स्तरीय बैठक में आमंत्रण को लेकर बड़ा रोचक प्रसंग सामने आया है। आमंत्रण प्राप्त कुछ जनप्रतिनिधि एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस पत्र को अपनी “सदस्यता की पुष्टि” मानकर खुद को आयोग का सदस्य घोषित कर दिया। इसके बाद सोशल मीडिया पर उन्हें बधाइयाँ मिलने लगीं, लेकिन जल्द ही लोग इसे लेकर उनका मज़ाक उड़ाने लगे।
जिला विकास शाखा, दरभंगा द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि 11 जुलाई 2025 को “उच्च जातियों के विकास हेतु राज्य आयोग, बिहार” के माननीय अध्यक्ष/उपाध्यक्ष/सदस्यों द्वारा प्रमंडल स्तरीय बैठक का आयोजन किया गया है। बैठक समाहरणालय परिसर स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर सभागार में दोपहर 1:30 बजे से निर्धारित है।
इस पत्र के जारी होते ही कुछ स्थानीय नेताओं ने सोशल मीडिया पर इसे इस तरह प्रस्तुत किया मानो उन्हें आयोग का सदस्य नियुक्त कर दिया गया हो। उन्होंने “सदस्य बने” जैसे शीर्षकों के साथ पोस्ट डालकर बधाइयाँ स्वीकार करनी शुरू कर दी।
वरिष्ठ पत्रकार सतीश कुमार ने इसपर कटाक्ष करते हुए फेसबुक पर लिखा—
“दरभंगा जिला के कुछ भाजपा नेता सवर्ण आयोग की बैठक में आमंत्रण को, अपने को आयोग का सदस्य बनना मान रहे हैं। कितने नादान (बेवकूफ) हैं ये भाजपाई , लहालोट हो रहे ”
दूसरी ओर भाजपा के जिला मीडिया प्रभारी मुकुंद चौधरी ने भी स्थिति स्पष्ट करते हुए पोस्ट किया—
“प्रमंडलीय सवर्ण आयोग नाम की कोई वैधानिक संस्था नहीं है। राज्य सवर्ण आयोग के उपाध्यक्ष राजीव रंजन जी ने स्वयं स्पष्ट किया है कि यह कोई सदस्यता प्रमाण नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को इस प्रकार की चिट्ठी जारी करने पर फटकार भी लगाई है।”
इस पूरे घटनाक्रम पर स्थानीय स्तर पर चटखारे लिए जा रहे हैं। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर व्यंग्यात्मक टिप्पणियों के माध्यम से “बधाई प्रकरण” की आलोचना की है।
हालांकि पत्र में आमंत्रित व्यक्तियों को केवल बैठक में शामिल होने हेतु बुलाया गया है, न कि किसी संस्था की औपचारिक सदस्यता देने के लिए। इस गलतफहमी ने न सिर्फ आमंत्रितों को हास्य का पात्र बना दिया, बल्कि प्रशासनिक प्रक्रिया को भी संदेह के घेरे में ला खड़ा किया है। फिलहाल प्रशासन की ओर से इस पर कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया गया है।




