
दरभंगा / निशान्त झा। कभी पोखरों और तालाबों से समृद्ध रहा दरभंगा अब बूंद-बूंद पानी को तरस रहा है। शहर ही नहीं, गाँव-गाँव में हाहाकार मचा हुआ है। नल-जल योजना की बदहाली और जल प्रबंधन की विफलता ने पूरे मिथिला को संकट में डाल दिया है।
इसी स्थिति पर चिंता जताते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मंत्री एवं विधान परिषद सदस्य डॉ. मदन मोहन झा ने फेसबुक पर लिखा—
“पोखरों का शहर पानी के लिए तरस रहा है !!!
जिम्मेदारी किसी पर डाल दीजिए, लेकिन हकीकत है कि पूरा मिथिलांचल इसका भोग भुगत रहा है।
क्या शहर, क्या गाँव — हाहाकार मचा हुआ है।”

स्थानीय नागरिक भी प्रशासन की निष्क्रियता को लेकर आक्रोशित हैं। कहीं मोटर खराब तो कहीं टंकी सूखी पड़ी है। जलनिकासी की व्यवस्था नदारद है और बारिश की हर एक बूंद व्यर्थ बह जा रही है।
गौरतलब है कि मिथिला क्षेत्र में पानी की किल्लत कोई नई बात नहीं, लेकिन जिस प्रकार तालाबों का अतिक्रमण और प्राकृतिक जल स्रोतों की उपेक्षा हुई है, उसने इस संकट को और भी विकराल बना दिया है।
अब देखना यह है कि प्रशासन कब नींद से जागता है और जनता को इस त्राहिमाम से कब राहत मिलती है!



