दिल्ली में दरभंगा के सांसद ने मखाना माला से किया गृह मंत्री का अभिनंदन

मोदी सरकार में मिथिला का हो रहा समग्र विकास : डॉ. गोपाल जी ठाकुर
केंद्रीय गृह मंत्री से मिले सांसद, सीतामढ़ी में जानकी मंदिर निर्माण हेतु 8 अगस्त को भूमि पूजन
नई दिल्ली/दरभंगा : मिथिला क्षेत्र के समग्र विकास को लेकर केंद्र की मोदी सरकार लगातार सक्रिय है। इसी क्रम में सीतामढ़ी के पुनौराधाम में माता जानकी के दिव्य एवं भव्य मंदिर के निर्माण कार्य का भूमि पूजन आगामी 8 अगस्त को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के कर-कमलों से संपन्न होगा। इसे लेकर दरभंगा के सांसद एवं लोकसभा में भाजपा के सचेतक डॉ. गोपाल जी ठाकुर ने शुक्रवार को दिल्ली स्थित संसद भवन कार्यालय में श्री शाह से भेंट कर इस प्रस्तावित कार्यक्रम के प्रति आभार जताया।
सांसद डॉ. ठाकुर ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से किए जा रहे सांस्कृतिक राष्ट्रवाद को सशक्त करने की दिशा में यह एक ऐतिहासिक पहल है। भेंट के दौरान उन्होंने गृह मंत्री को मिथिला की सांस्कृतिक परंपरा के अनुसार मखान माला, पाग एवं अंगवस्त्र से सम्मानित किया।

डॉ. ठाकुर ने कहा कि मोदी सरकार में मिथिला के धार्मिक, सांस्कृतिक और बौद्धिक विकास को नई दिशा मिली है। उन्होंने कहा कि दरभंगा में एयरपोर्ट, बिहार का दूसरा एम्स, राष्ट्रीय मखाना अनुसंधान केंद्र, मखाना बोर्ड, दरभंगा रेलवे स्टेशन का विश्वस्तरीय विकास, मुजफ्फरपुर में कैंसर अस्पताल, बरौनी खाद कारखाना का पुनर्जीवन, मैथिली भाषा को सीबीएसई में शामिल करना, संविधान में मैथिली भाषा का विमोचन और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को शोध विश्वविद्यालय के लिए 100 करोड़ की स्वीकृति – ये सभी केंद्र सरकार की बड़ी उपलब्धियाँ हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि बाढ़ से बचाव हेतु 11.5 करोड़ की केंद्रीय सहायता और शरद पूर्णिमा को ‘राष्ट्रीय मखाना दिवस’ के रूप में मनाने का प्रस्ताव भी गृह मंत्री के समक्ष रखा गया।
डॉ. ठाकुर ने कहा कि उज्जैन का महाकाल कॉरिडोर, केदारनाथ का पुनर्निर्माण, काशी में विश्वनाथ कॉरिडोर और द्वारका में समुद्रतटीय पुल – यह सभी सांस्कृतिक पुनर्जागरण के प्रमाण हैं, जो प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत को वैश्विक सांस्कृतिक पहचान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि 8 अगस्त को सीतामढ़ी में लगभग 883 करोड़ की लागत से बनने वाले माता जानकी मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में दरभंगा सहित पूरे मिथिला से व्यापक जनभागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। यह आयोजन देश भर में सांस्कृतिक चेतना और गौरव का प्रतीक बनेगा।




