लाभुकों के घर-घर जाकर बनाया जाएगा आयुष्मान कार्ड : डीएम

दरभंगा , 15 जून 2025 : जिलाधिकारी श्री कौशल कुमार की अध्यक्षता में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के संबंध में समीक्षात्मक बैठक हुई। उन्होंने कहा कि आशा के द्वारा घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बनाया जाएगा। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत दरभंगा जिला में कुल लक्ष्य 38 लाख 46 लाख 729 की विरुद्ध अभी तक 13 लाख 74 हजार 329 कार्ड (कुल का 36%) निर्माण किया गया है जिस पर जिलाधिकारी ने नाराजगी जताया।
उन्होंने कहा कि मिशन मोड में कार्य करते हुए सितंबर 2025 तक आयुष्मान कार्ड निर्माण में 85% तक उपलब्धि प्राप्त करना सुनिश्चित करें। सभी पदाधिकारी और कर्मचारी एकजुट होकर समन्वय के साथ कार्य करें।
जिलाधिकारी ने कहा कि सभी आशा कार्यकर्ताओं को घर-घर जाकर अपने क्षेत्र के सभी परिवारों का राशन कार्ड संख्या के माध्यम से सर्वे करते हुए उक्त राशन कार्ड संख्या के डाटा यथा लाभार्थियों की संख्या, उसमें कितना कार्ड बना हुआ है ,और शेष लाभार्थियों की स्थिति को संधारित करने का निर्देश दिया। सभी आशा कार्यकर्ताओं से अगले 10 दिनों के अंदर सर्वे का कार्य करवाने का निर्देश दिया। सभी आशा कार्यकर्ताओं का आईडी एक्टिव करने को कहा।
उन्होंने कहा कि अस्पतालों में आशा कार्यकर्ताओं का छोटे समूह में बैठक बुलाकर उनको आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए हैंड होल्ड प्रशिक्षण दें। प्रशिक्षण के बाद सभी आशाओं को कम से कम एक राशन कार्ड संख्या के माध्यम से आयुष्मान कार्ड बनाने की भी जांच करने का निर्देश जिलाधिकारी द्वारा दिया गया
प्रत्येक 20 -25 आशा कार्यकर्ताओं पर एक पर्यवेक्षक प्रतिनियुक्त करने के लिए कहा गया ,जिससे आशा कार्यकर्ताओं का पर्यवेक्षण हो सके एवं क्षेत्र में आ रही तकनीकी समस्याओं का निराकरण तत्काल किया जा सके। पर्यवेक्षक प्रतिदिन सभी आशाओं का अद्तन प्रतिवेदन से प्रभारी चिकित्सा अधिकारी को अवगत कराएंगे उक्त प्रतिवेदन की एक प्रति जिला स्तर पर भी भेजेंगे।
जिलाधिकारी ने प्रखंड स्तरीय सभी पदाधिकारी और कर्मचारियों को क्रियाशील होकर प्रखंड के सभी सुपात्र लाभार्थियों का आयुष्मान कार्ड बनाने में आवश्यक सहयोग करने का सख्त निर्देश दिया ।
उन्होंने सभी प्रखंडों को दिए गए कार्य योजना के अनुसार कार्य करने का निर्देश दिया। इस आयुष्मान कार्ड के माध्यम से 5 लाख तक निःशुल्क इलाज संबंधित अस्पतालों में किया जा सकेगा।