बिष्णु पाठक कांग्रेस में होंगे शामिल, कन्हैया कुमार दिलाएंगे सदस्यता।
विष्णु पाठक कांग्रेस में होंगे शामिल, कन्हैया कुमार दिलाएंगे सदस्यता
पूर्वांचल और मिथिला समाज में मजबूत पकड़ रखने वाले विष्णु पाठक और विनोद सिंह कांग्रेस को देंगे नया आधार
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की पूर्वांचली राजनीति में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। सामाजिक कार्यकर्ता और पूर्व आम आदमी पार्टी नेता विष्णु पाठक जल्द ही कांग्रेस में शामिल होने जा रहे हैं। उन्हें कांग्रेस की सदस्यता जेएनयू छात्र राजनीति से उभरे और वर्तमान में कांग्रेस के राष्ट्रीय नेता कन्हैया कुमार दिलाएंगे।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार, विष्णु पाठक और आम आदमी पार्टी के पूर्व निगम प्रत्याशी विनोद सिंह सैकड़ों समर्थकों के साथ कांग्रेस का दामन थामेंगे। इस संबंध में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और अगले कुछ दिनों में इसका औपचारिक ऐलान किया जाएगा।
विष्णु पाठक और विनोद सिंह, दोनों ने मिलकर परिवर्तन जन मोर्चा की नींव रखी थी। इस संगठन के साथ सैकड़ों लोग जुड़ चुके हैं, जो दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में सक्रिय हैं। केजरीवाल सरकार की नीतियों के मुखर विरोधी रहे इन दोनों नेताओं ने सोशल मीडिया और कई नेशनल टीवी डिबेट्स में आम आदमी पार्टी की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं।
विष्णु पाठक, जो पहले आम आदमी पार्टी के पूर्वांचल विंग के प्रदेश उपाध्यक्ष रह चुके हैं, दिल्ली के पूर्वांचल और मिथिला समाज में खासा प्रभाव रखते हैं। आम आदमी पार्टी से असंतुष्ट होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और इसके बाद सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए। कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने राहत शिविरों के माध्यम से हजारों जरूरतमंदों को भोजन, दवाइयाँ और आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई।

विनोद सिंह, जिन्होंने आम आदमी पार्टी के टिकट पर निगम चुनाव लड़ा था, गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देने के लिए भी जाने जाते हैं। शिक्षा के क्षेत्र में उनके कार्य को समाज में खूब सराहना मिली है।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि कांग्रेस में इन दोनों नेताओं की एंट्री से न सिर्फ पार्टी को जमीनी स्तर पर एक ऊर्जावान टीम मिलेगी, बल्कि दिल्ली के पूर्वांचली और मिथिलावासी में भी कांग्रेस की पकड़ मजबूत होगी।
इसके अलावा विष्णु पाठक कला और संस्कृति से भी जुड़े रहे हैं। मैथिली फिल्म “लव यू दुल्हिन” के निर्माता के रूप में उन्होंने सांस्कृतिक जगत में भी अपनी पहचान बनाई है।
कुल मिलाकर कांग्रेस के लिए यह एक रणनीतिक बढ़त मानी जा रही है, जिससे आगामी नगर निगम चुनावों में पार्टी को काफी फायदा मिल सकता है।


